नई दिल्ली. JCB बुलडोजर का नाम सुनते ही दिमाग में भारी-भरकम मशीन की तस्वीर बन जाती है, जो बड़ी से बड़ी मुश्किल को चुटकियों में हल कर देती है. बिल्डिंग तोड़ने से लेकर सड़कों का निर्माण और भारी सामान लोड करने तक, बुलडोजर का इस्तेमाल हर जगह होता है. आजकल अवैध निर्माण और अतिक्रमण हटाने में भी JCB बुलडोजर अहम भूमिका निभाता है. यही कारण है कि बुलडोजर का इस्तेमाल कई सरकारी और निजी कार्यों में बढ़ता जा रहा है.
जेसीबी भारत में सबसे पॉपुलर बुलडोजर ब्रांड है. इसके कई अलग-अलग मॉडल्स बाजार में उपलब्ध हैं, जिनकी कीमत उनके फीचर्स और उपयोग के हिसाब से तय होती है. भारत में JCB के कुछ सबसे ज्यादा बिकने वाले माॅडल्स JCB 2DX Backhoe Loader, JCB 3DX Backhoe Loader, JCB 3DX Plus Backhoe Loader और JCB 100C1 Excavator हैं जिनकी कीमत 18 लाख से 32 लाख रुपये तक है.
JCB में पेट्रोल डाला जाता है या डीजल?
बता दें कि जेसीबी का वजन भारी-भरकम होता है और इसे मुश्किल काम के लिए उपयोग में लाया जाता है जिसके लिए इसके अलग-अलग माॅडल केवल डीजल इंजन के साथ आते हैं. जेसीबी बुलडोजर में 7.2 लीटर का CRDI इंजन लगाया जाता है, जो डीजल से चलता है. यह इंजन 284 हॉर्सपावर की पावर और 1150 Nm का टॉर्क जनरेट करता है. मजबूत इंजन और पावरफुल परफॉर्मेंस के कारण यह मशीन भारी कामों को आसानी से अंजाम दे पाती है.
कितना है जेसीबी का माइलेज
जेसीबी जैसी मशीनों का माइलेज किमी. में नहीं नापा जाता है, क्योंकि इनको दूरियां कवर करने के लिए नहीं डिजाइन किया होता है इसलिए इनका माइलेज घंटे के हिसाब से मापा जाता है. एक जेसीबी यदि एक घंटे तक स्टार्ट रहती है तो ये 5 से 7 लीटर डीजल की खपत कर लेती है. यदि इस पर लोड बढ़ाया जाता है तो ये खपत कई बार 10 लीटर तक भी पहुंच जाती है.
कहां होती है जेसीबी बुलडोजर की मैन्युफैक्चरिंग?
भारत में जेसीबी बुलडोजर की मैन्युफैक्चरिंग महाराष्ट्र के पुणे शहर में होती है. यहीं से जेसीबी मशीनों को पूरे देशभर में सप्लाई किया जाता है.
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FIRST PUBLISHED : December 17, 2024, 20:22 IST