यमुना एक्सप्रेसवे पर हुआ भयानक कार हादसा चकनाचूर हुई कार में एयरबैग बन गया कवचएयरबैग ने बचाई मां-बेटी की बची जान
नई दिल्ली. ग्रेटर नोएडा के दनकौर थाना क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेसवे पर गुरुवार (23 मई) को बड़ा हादसा हो गया. ट्रैक्टर-ट्रॉली और कार की टक्कर में कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई. इसमें फंसी मां और बेटी को बड़ी मशक्कत के बाद कार से बाहर निकाला गया. इस हादसे में कार में फंसी मां-बेटी दोनों के जान बचने की वजह के पीछे कार में समय से एयरबैग (Airbag) का खुल जाना बताया जा रहा है.
इस हादसे से एक बड़ा सबक मिलता है कि कार में एयरबैग बहुत जरूरी है. ऐसे में आइए जानते हैं कि एयरबैग क्या है, यह कैसे काम करता है और सभी कारों में इसका होना जरूरी क्यों है?
भारत की कारों में 2019 से एयरबैग अनिवार्य
बता दें कि दुनिया में सबसे पहले एयरबैग को 1950 के दशक में खोजा गया था. यह एक सुरक्षा उपकरण है. दुनिया भर में एयरबैग को सबसे बेहतर सेफ्टी उपकरण के तौर पर माना जाता है. एयरबैग आमतौर पर पॉलिएस्टर की तरह की मजबूत टेक्सटाइल या कपड़े से बना एक गुब्बारे जैसा कवर होता है. कंपनियां इसे कार के स्टीयरिंग व्हील, दरवाजे और डैशबोर्ड पर लगाती हैं. सरकार द्वारा भारतीय कारों में साल 2019 से अनिवार्य कर दिया गया है.
एयरबैग से बच सकती थी 13 हजार जानें
मार्च 2022 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में कहा था कि अगर कारों में फंक्शनल एयरबैग का इस्तेमाल किया गया होता तो साल 2020 में देश भर में 13,022 लोगों की जान बचाई जा सकती थी.
कैसे काम करता है एयरबैग
जब भी एक्सीडेंट की स्थिति निर्मित होती है तो खतरे का अहसास करके एयरबैग पलभर में खुल जाता है और चोट या मौत की आशंका को कम करता है. एयरबैग, कार के सेंसर से कनेक्ट रहता है. ये सेंसर कार की टक्कर होने पर एक्टिव हो जाते हैं और एयरबैग तक मैसेज भेजते हैं. इसके बाद एयरबैग झट से खुल जाते हैं. ये प्रक्रिया बेहद तेजी से होती है.
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FIRST PUBLISHED : May 25, 2024, 06:41 IST