साइबर क्राइम के मामले देश भर में बढ़ते ही जा रहे हैं। स्कैम के नए-नए प्रकार लोगों को इससे बचने का कम चांस देते हैं। स्कैमर्स लोगों को ठगने का नए-नए तरीके तलाश रहे हैं। एक नए प्रकार का स्कैम सामने आया है, ग्रैंडपैरेंट स्कैम के जरिए जालसाज अब लोगों को चूना लगा रहे हैं।
ठगी का नया तरीका ग्रैंडपैरेंट स्कैम
दरअसल, इस स्कैम के बारे में बेहद ही कम लोग जानते हैं। इसी वजह से अधिकतर लोग इसका शिकार आसानी से हो रहे हैं। इस स्कैम में साइबर ठग बुजुर्ग लोगों से पैसे भेजने के लिए और किसी तरह की पर्सनल जानकरी की मांग करते हैं। वहीं, ठगी करने वाले फर्जी रिश्तेदार बनकर पैसों की मांग के अलावा अन्य तरह की मांग करते हैं। कई बार तो स्कैमर्स कई बार विदेश में फंसने का झूठा दावा करते हैं और मेडिकल और आपात की मदद के नाम पर बुजुर्गों से पैसों की मांग करते हैं।
ग्रैंडपैरेंट स्कैम से कैसे बचें
– अगर आपके साथ कभी भी ग्रैंडपैरेंट के पास इस तरह का फोन आए, जिसमें सामने वाला इंसान खुद को पोता या पोती और कोई रिश्तेदार होने का दावा करें तो आपको सावधान रहने की जरूरत है।
– अगर फोन कॉल के जरिए कोई करीबी बनकर ग्रैंडपैरेंट से मदद मांगता है तो भी आपको सतर्क होने की जरूरत है।
-किसी भी तरह की आर्थिक मदद की मांग एक छलावा हो सकती है।
-ऐसी स्थिति में अक्सर स्कैमर्स बुजर्गों को स्थिति को भांपने का मौका नहीं देते हैं। मगर जरा सा ध्यान देने से बड़े स्कैम से बचा जा सकता है।
-अगर फोन पर कोई अनजान नंबर से कॉल आए, साथ ही फोन स्क्रीन पर किसी तरह का अलग कोड मिलें तो आपको सावधान होने की जरूरत है, ये एक तरह का स्कैम हो सकता है।
-इस तरह के स्कैम से बचने के लिए बुजुर्गों को किसी के साथ भी अपनी पर्सनल जानकारी जैसे बैंकिंग डिटेल को साझा नहीं करना चाहिए।