नई दिल्ली. इंडियन मार्केट में गाड़ियों की बिक्री में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की भागीदारी लगातार बढ़ रही है. कोरोना महामारी के बाद वाहनों की बिक्री में इजाफा हुआ है. इसमें सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स अहम भूमिका निभा रहे हैं. यूट्यूब और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया साइट्स पर ऑटोमोबाइल इन्फ्लुएंसर्स की संख्या लगातार बढ़ रही है. ग्राहक अब शोरूम पर पहुंचने से पहले गाड़ियों के बारे में जानने लगे हैं. इससे डीलर्स को गाड़ियों के बारे में समझाने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ रही है.
इन्फ्लुएंसर्स जो कंटेंट तैयार करते हैं वह सोशल मीडिया के चलते देशभर में देखे जाते हैं. इससे लोगों में प्रोडक्ट्स के बारे में समझ विकसित हो जाती है और वह किसी कार को खरीदने या न खरीदने को लेकर बेहतर तरीके से फैसला कर पाते हैं. सोशल मीडिया के जरिये लोगों के बीच किसी खास प्रोडक्ट के बारे में पहले से ही जानकारी उपलब्ध हो जाती है. देश में कई कार कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग के लिए बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की सहायता ले रहीं हैं. इससे उन्हें सेल्स को बढ़ाने में मदद मिल रही है.
इन्फ्लुएंसर कर रहे सेल्स बढ़ाने में मदद
इकोनाॅमिक टाइम्स के मुताबिक, दिग्गज कार निर्माता मारुति सुजुकी बड़े पैमाने पर ऐसे इन्फ्लुएंसर्स का उपयोग कर रही है. जो टार्गेट कंज्यूमर तक प्रोडक्ट के बारे में जानकारी पहुंचाने और जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं. मारुति सुजुकी के सीनियर एग्जिक्युटिव डायरेक्टर (मार्केटिंग और सेल्स) शशांक श्रीवास्तव का कहना है कि आज के समय में कार खरीदने से पहले लोग तमाम तरह के रिसर्च करते हैं. इन्फ्लूएंसर लोगों के निर्णय लेने की प्रक्रिया में कंपनियों के लिए बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. क्योंकि उनकी पहचान एक निष्पक्ष बात करने वाले के रूप में होती है. पिछले कुछ वर्षों में, मारुति ने ग्रैंड विटारा और जिम्नी जैसे अपने कई प्रमुख कारों के प्रमोशन में सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स का सहारा लिया है.
मारुति सुजुकी के सीनियर एग्जिक्युटिव डायरेक्टर (मार्केटिंग और सेल्स) शशांक श्रीवास्तव के अनुसार आज के समय में कस्टमर कार खरीदने से पहले तमाम तरह के रिसर्च कर रहे हैं. ऐसे में इन्फ्लूएंसर लोगों के निर्णय लेने की प्रक्रिया पर प्रभाव डालते हैं. इनसे ऑटो कंपनियों को अपनी सेल्स बढ़ाने का मौका मिलता है. उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की पहचान एक निष्पक्ष बात करने वाले के रूप में होती है. पिछले कुछ वर्षों में, कंपनी ने ग्रैंड विटारा और जिम्नी जैसे अपने कई प्रमुख वाहनों के लॉन्च में इन्फ्लूएंसर्स का इस्तेमाल किया है.
10 गुना बढ़ा इन्फ्लूएंसर्स पर खर्च
इकोनाॅमिक टाइम्स के मुताबिक, फॉक्सवैगन पैसेंजर कार्स इंडिया के ब्रैंड डायरेक्टर आशीष गुप्ता का कहना है कि इन्फ्लुएंसर्स की वजह से बिक्री पर अच्छा असर पड़ता है. इनकी पहुंच और विश्वसनीयता के वजह से वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी देखी गई है. सूत्रों का कहना है कि कोविड के बाद डिजिटल कंटेंट- इंस्टा रील्स/यूट्यूब के बजट 10 गुना तक बढ़ गए हैं. पिछले कुछ वर्षों में सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर की संख्या में भी 15 गुना की वृद्धि देखी गई है.
वहीं, एमजी मोटर इंडिया के डिप्टी एमडी गौरव गुप्ता ने बताया कि इन्फ्लूएंसर्स की स्टोरीटेलिंग ग्राहकों के विचारों को प्रोडक्ट के समर्थन में ला सकती है. इन्फ्लूएंसर्स इसलिए मायने रखते हैं क्योंकि ये वर्तमान और भविष्य के संभावित ग्राहकों के विचारों को आकर दे सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : June 12, 2024, 11:51 IST