इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, फ्लिपकार्ट का कहना है कि उसने कैंसिलेशन शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया है। कंपनी ने कहा है कि यह पॉलिसी दो साल से लागू है और तभी शुल्क लगाया जाता है, जब ऑर्डर दिए जाने के 24 घंटे बाद उसे कैंसल किया जाए। ऑर्डर बुक करने के अगर 24 घंटे के अंदर उसे कैंसल कर दिया जाए तो कोई शुल्क नहीं लगता। उसके बाद चार्ज लिया जाता है।
कंपनी की पॉलिसी कहती है कि सेलर्स और लाजिस्टिक्स की लागतों को कवर करने के लिए कैंसिलेशन शुल्क लिया जाता है। यह शुल्क ऑर्डर के प्रोसेस होने के बाद उसे कैंसल करने पर होने वाले खर्चों की भरपाई के लिए बनाया गया है। फ्लिपकार्ट का कहना है कि यह फीस, कैंसिलेशन के कारण होने वाली वास्तविक लागत (actual cost) के बराबर या उससे कम है।
पॉलिसी कहती है कि कैंसिलेशन फी से लॉजिस्टिक्स प्रोवाइडर्स की कोशिश, उनके टाइम और संसाधनों की भरपाई होती है। फ्लिपकार्ट जो फीस लेता है, उसे कस्टमर द्वारा ऑर्डर के लिए दी गई रकम से काटा जाता है। फ्लिपकार्ट का यह भी कहना है कि उसके पास सिचुएशन को देखते हुए फीस को मॉडिफाई करने या माफ करने की सुविधा है।
ऐसा लगता है कि फ्लिपकार्ट की इस पॉलिसी के बारे में लोग ज्यादा जागरूक नहीं हैं। टिप्सटर के इस मामले को हाइलाइट करने से उन लोगों का भ्रम दूर हो सकता है, जिन्हें कई बार अपना ऑर्डर कैंसल करने पर पूरा रिफंड नहीं मिला होगा।
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