सिंधिया ने बताया कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत, स्वदेशी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल वाला 4G नेटवर्क तैयार है और कुछ महीनों में BSNL के जरिए इसकी सर्विस पूरे देश में उपलब्ध होगी। उनका कहना था, “Reliance Jio और Bharti Airtel के 4G नेटवर्क लॉन्च करने पर बहुत से लोगों ने पूछा था कि BSNL क्यों नहीं? यह प्रधानमंत्री का संकल्प था कि अगर हमें सरकारी टेलीकॉम कंपनी के नेटवर्क को डिवेलप करना है तो हम चीन या किसी अन्य देश से इक्विपमेंट का इस्तेमाल नहीं करेंगे।” यह फैसला किया गया था कि एक स्वदेशी टेक्नोलॉजी को डिवेलप किया जाएगा।
BSNL के लिए प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों से चुनौती बढ़ रही है। रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसी बड़ी टेलीकॉम कंपनियों ने लगभग पूरे देश में अपनी 5G सर्विस शुरू कर दी है। इस वजह से पिछले कुछ महीनों में BSNL को सब्सक्राइबर्स का नुकसान हो रहा था। हालांकि. पिछले महीने टैरिफ बढ़ाए जाने के बाद प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों से कुछ सब्सक्राइबर्स BSNL के पास शिफ्ट हुए हैं।
इस बारे में सिंधिया ने कहा, “हम अक्टूबर के अंत तक लगभग 80,000 टावर्स इंस्टॉल करेंगे। इसके बाद अगले वर्ष मार्च तक बाकी के 21,000 टावर्स इंस्टॉल किए जाएंगे। इससे जल्द डाउनलोड करने में आसानी होगी। हमें 5G सर्विसेज के लिए टावर्स में कुछ बदलाव करने होंगे और इस पर कार्य किया जा रहा है। हम जल्द ही 4G से 5G की यात्रा पूरी कर लेंगे।” हाल ही में कंपनी की मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से निवेदन किया गया था। भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने कहा था कि प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों के प्राइसिंग में दबदबे पर नियंत्रण के लिए BSNL की मौजूदगी महत्वपूर्ण है। BMS ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में निवेदन किया था कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि BSNL को स्वदेशी टेक्नोलॉजी के डिवेलप होने तक इंटरनेशनल वेंडर्स से 4G और 5G से जुड़े इक्विपमेंट के इस्तेमाल की अनुमति दी जाए।
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