CCI ने कॉम्पिटिशन पर नियंत्रण रखने वाले कानूनों के उल्लंघन को लेकर फ्लिपकार्ट की जांच की थी। इस जांच में पाया गया था कि फ्लिपकार्ट, इसके कुछ सेलर्स और स्मार्टफोन मेकर्स ने कॉम्पिटिशन से जुड़े कानूनों का उल्लंघन किया है। हाल ही में अमेरिकी डिवाइसेज मेकर Apple से जुड़ी एक रिपोर्ट को भी CCI ने वापस लिया था।
इस मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों और 1 अक्टूबर की तिथि वाले CCI के दस्तावेज के अनुसार, फ्लिपकार्ट से जुड़ी रिपोर्ट प्राप्त करने वालों को इस रिपोर्ट को नष्ट करने और यह शपथपत्र देने के लिए कहा गया है कि वे इसका आगे वितरण नहीं करेंगे। CCI के इस दस्तावेज को Reuters ने देखा है। शाओमी की दलील थी कि इस रिपोर्ट में उसकी सेल्स को मॉडल के लिहाज से बताया गया है, जो संवेदनशील जानकारी है। CCI के दस्तावेज में कहा गया है कि इस रिपोर्ट में कुछ डेटा और जानकारी को गलती से शामिल किया गया है। इसके साथ ही CCI ने एक नई रिपोर्ट उपलब्ध कराने की भी जानकारी दी है। हालांकि, यह नहीं बताया गया है कि नई रिपोर्ट में क्या बदलाव किए गए हैं। इस बारे में शाओमी ने कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया। CCI और फ्लिपकार्ट ने Reuters की ओर से भेजे गए प्रश्नों का उत्तर नहीं दिया है।
इस वर्ष अगस्त में एपल के खिलाफ ऐप्स के मार्केट में मोनोपॉली की जांच की रिपोर्ट को CCI ने रिकॉल किया था। कंपनी ने शिकायत की थी उसके बिजनेस से जुड़े सीक्रेट्स का राइवल्स को खुलासा किया गया है। इसके बाद इस रिपोर्ट को रिकॉल किया गया था। एपल के खिलाफ यह जांच लगभग चार वर्ष पहले शुरू की गई थी। यह कंपनी की ऐप्स के मार्केट में दबदबे वाली स्थिति का कथित तौर पर गलत इस्तेमाल करने से जुड़ी थी। एपल पर आरोप था कि उसने ऐप्स के मार्केट में अपनी मजबूत स्थिति के कारण डिवेलपर्स को उसके प्रॉपराइटरी इन-ऐप परचेज सिस्टम का इस्तेमाल करने के लिए बाध्य किया था।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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