एक मीडिया रिपोर्ट में कंपनी की योजना के बारे में जानकारी रखने वाले एक सूत्र के हवाले से बताया गया है कि एपल ने देश में 40 से अधिक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विस (EMS) फर्मों से बातचीत की है। इनमें Amber Enterprises और HCLTech शामिल हैं। इस सूत्र ने बताया कि एपल के चाइनीज सप्लायर्स वीजा के मुद्दों और कुछ चाइनीज फर्मों के खिलाफ देश में मामलों की वजह से अपनी यूनिट लगाने से हिचक रहे हैं। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चीन के सप्लायर्स से बैटरी, चार्जर और अन्य कंपोनेंट्स के इम्पोर्ट के लिए सरकार की ओर से अनुमति मिलने में देरी हो रही है। इस कारण से भी भारत से एपल अधिक कंपोनेंट्स खरीदने पर विचार कर रही है।
हालांकि, देश में कंपोनेंट्स की मैन्युफैक्चरिंग करना कंपनी के लिए एक चुनौती हो सकती है। इस वजह से कंपनी ने भारतीय कंपनियों को ताइवान, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया की फर्मों के साथ टाई-अप करने के लिए प्रोत्साहित किया है। देश में पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का रेवेन्यू लगभग 36 प्रतिशत बढ़कर 67,121 करोड़ रुपये से अधिक रहा है। एपल की सेल्स में आईफोन्स की बड़ी हिस्सेदारी है। पिछले कैलेंडर ईयर से कंपनी की देश में तिमाही सेल्स वर्ष-दर-वर्ष आधार पर बढ़ रही है। इससे पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का रेवेन्यू 47 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी क साथ लगभग 49,321 करोड़ रुपये का था।
देश में मौजूदा वित्त वर्ष में कंपनी की आईफोन्स की सेल्स लगभग 11 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। इसके अलावा Mac, iPad, स्मार्टवॉचेज और सर्विसेज से एपल को चार-छह अरब डॉलर का रेवेन्यू हासिल हो सकता है। हाल ही में कंपनी के CEO, Tim Cook ने भारत के बढ़ते महत्व पर जोर दिया था। उन्होंने बताया था कि सितंबर तिमाही ने एपल ने भारत में रेवेन्यू का रिकॉर्ड बनाया है। देश में कंपनी चार नए स्टोर्स खोलने की भी तैयारी कर रही है।
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