नई दिल्ली5 घंटे पहले
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अमेरिका ने एपल के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। टेक दिग्गज पर स्मार्टफोन मार्केट पर मोनोपॉली करने और कॉम्पिटिशन को कुचलने का आरोप लगाया गया है। एपल ने मुकदमा दायर होने के बाद उसपर लगे इन आरोपों से इनकार किया है।
लीगल एक्शन में, जस्टिस डिपार्टमेंट ने ये भी आरोप लगाया कि कंपनी ने आईफोन ऐप स्टोर पर अपने कंट्रोल का दुरुपयोग किया। इसमें कॉम्पिटिटर के प्रोडक्ट्स को कम आकर्षक बनाने के लिए अवैध कदम उठाने की बात कही गई है।
एपल पर ये 4 आरोप भी लगे
- कंपनी अपनी मार्केट पावर का इस्तेमाल कंज्यूमर्स, डेवलपर्स, कंटेंट क्रिएटर, आर्टिस्ट, पब्लिशर्स, स्मॉल बिजनेस और मर्चेंट्स से ज्यादा पैसा कमाने के लिए करती है।
- कॉम्पिटिटर्स कंपनियों की स्मार्टवॉच को एपल ने आईफोन से जोड़ना कठिन बना दिया और बैंकों व अन्य वित्तीय फर्मों को अपनी टैप-टू-पे टेक्नोलॉजी तक पहुंचने से रोक दिया है।
- एपल पर सुपर ऐप्स के क्रिएशन को रोकने का भी आरोप है। मेटा जैसी अन्य टेक्नोलॉजी कंपनियां लंबे समय से आईफोन पर ऐसे सुपर-ऐप्स लॉन्च करना चाहती हैं।
- एपल के जरिए अपनाई गई नीतियों से कंज्यूमर्स और एपल की कुछ सर्विस के साथ कॉम्पिटिशन करने वाली छोटी कंपनियों को नुकसान पहुंच रहा है।
मुकदमे की खबर बाद गिरा एपल का शेयर
कंपनी के खिलाफ मुकदमे की खबर के कारण गुरुवार को वॉल स्ट्रीट पर एपल के शेयर में 4.09% की गिरावट देखने को मिली।
एपल ने कहा- तथ्यों और कानून के आधार पर यह मुकदमा गलत
अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने कहा,’कंज्यूमर्स को इसलिए अधिक कीमत नहीं चुकानी चाहिए क्योंकि कंपनियां एंटीट्रस्ट कानूनों का उल्लंघन करती हैं। यदि इसे चुनौती न दी गई, तो एपल अपने स्मार्टफोन एकाधिकार को मजबूत करना जारी रखेगा।’
वहीं एपल ने कहा है कि यह मुकदमा हमारी पहचान और उन सिद्धांतों को खतरे में डालता है जो एपल के प्रोडक्ट्स को कॉम्पिटेटिव मार्केट में अलग पहचान दिलाते हैं। यह मुकदमा,’ तथ्यों और कानून के आधार पर गलत है, और हम इसको डिफेंड करेंगे।
पिछले साल एपल ने अमेरिका में लेटेस्ट स्मार्टवॉच की बिक्री रोकी थी
पिछले साल दिसंबर में एपल ने लेटेस्ट वॉच सीरीज 9 और वॉच अल्ट्रा 2 की बिक्री पर रोक लगाई थी। कंपनी ने ये फेसला इन स्मार्टवॉच में दिए गए ब्लड ऑक्सीजन फीचर के पेंटेट विवाद के कारण लिया था। हालांकि, बाद में US कोर्ट ऑफ अपील से कंपनी को राहत मिल गई थी।