रिपोर्ट के अनुसार, छंटनी हुए कर्मचारियों में से 87 ने नेक्स्ट-जेनरेशन स्क्रीन डेवलपमेंट पर काम किया था। बाकी कर्मचारी ऐपल के कार प्रोजेक्ट से जुड़े थे और कंपनी की अलग-अलग बिल्डिंगों में काम करते थे। रिपोर्ट कहती है कि फरवरी महीने के आखिर में ही ऐपल ने दोनों प्रोजेक्ट्स को बंद करना शुरू कर दिया था।
कार प्रोजेक्ट को रद्द करने की एक वजह इसमें आने वाली लागत को बताया जा रहा है। अधिकारी इस प्रोजेक्ट को लेकर ठोस फैसला नहीं कर पाए। डिस्प्ले प्रोग्राम को बंद करने की वजह इंजीनियरिंग, सप्लायर और लागत से जुड़ी चुनौतियों को बताया जा रहा है।
रिपोर्टों के अनुसार, कैलिफोर्निया के सांता क्लारा में स्थित ऐपल के मुख्य कार संबंधी ऑफिस से ही 371 कर्मचारियों को बाहर किया गया है। इसके अलावा तमाम सैटेलाइट ऑफिसेज से भी छंटनी की गई है। कार प्रोजेक्ट से जुड़े कई कर्मचारियों को कंपनी ने दूसरे डिपार्टमेंट में शिफ्ट भी किया है जैसे- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और पर्सनल रोबोटिक्स।
कितने कर्मचारियों को छंटनी के तहत निकाला गया है, इस पर कमेंट देने से ऐपल के प्रवक्ता ने इनकार कर दिया।
इस साल की शुरुआत में खबर आई थी कि Apple ने इलेक्ट्रिक वीकल (EV) के लॉन्च की अपनी योजना में बदलाव किया है। यह प्रोजेक्ट लगभग एक दशक पहले शुरू हुआ था, जिसके 2028 से पहले लॉन्च होने की संभावना नहीं है। ऐसी रिपोर्ट थी कि कंपनी के बोर्ड ने प्रोटोटाइप के बिना हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर पर लाखों डॉलर खर्च करने के बाद इसके मैनेजमेंट पर प्रेशर डाला।