पीछे की सीट पर लिखा नोट जो कि “प्रिय ओला/उबर ग्राहकों” से शुरू होते हुए ग्राहकों का ध्यान खींचता है। नोट में लिखा कि एसी की मांग करके ड्राइवर को आत्महत्या करने पर मजबूर न करें, पहले ही कंपनी ने 30-40 प्रतिशत कमीशन से हमारी कमर तोड़ रखी है। जब तक ये कंपनी हम ड्राइवरों की बात नहीं सुनती और हमारे रेट तय नहीं करती, आशा है तब तक आप हमारा सहयोग करेंगे। अगर आपको एसी की जरूरत है तो आपको 5 रुपये प्रति किलोमीटर अलग से देना होगा।
हालांकि, इस पर प्रतिक्रिया विपरीत नजर आई। उनकी गुहार की फोटो तेजी से वायरल होने लगी और ज्यादातर लोग उनका सपोर्ट नहीं कर रहे थे। एक यूजर ने कमेंट किया कि “वो ड्राइवर जिन्होंने पहले कभी कुछ नहीं कमाया, अब टियर 2-3 शहर में भी न्यूनतम 30-40 हजार कमा रहे हैं। लालच की कोई सीमा नहीं होती। अगर मैं गलत हूं तो मुझे बताएं, लेकिन कार एसी, माइलेज में कोई खास असर नहीं डालता है।”
एक अन्य ने कहा कि “मैं उनकी मांगों पर कमेंट नहीं करना चाहता, हालांकि कंपनी से लड़ने के बजाय अपने ग्राहकों को एसी न देकर सजा देना ठीक नहीं है। इसके अलावा जब आप एसी ऑन करते हैं तो माइलेज में भी ज्यादा अंतर नहीं आता।”
तीसरे ने कहा कि “इमोशनल ब्लैकमैल करने का तरीका थोड़ा कैजुअल हैं,” जबकि चौथे ने सवाल किया कि “क्या एसी सच में माइलेज/प्रति लीटर फ्यूल में इतना अंतर पैदा करता है?” विंडो खोलने से हवा के खिंचाव के चलते ज्यादा गिरावट आती है। शहरों के अंदर एसी से माइलेज पर असर पड़ सकता है।’ कथित तौर पर Ola और Uber किराये का 25 से 40 प्रतिशत अपने कमीशन के तौर पर लेते हैं जो कि पेमेंट के तरीके और पीक ऑवर्स या सर्ज प्राइसिंग जैसे कारकों पर निर्भर करता है।
लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।