One97 Communications ने एक स्टेटमेंट में बताया है कि पेटीएम की सेल्स डिविजन में लगभग 3,500 वर्कर्स की संख्या घटी है। इसका बड़ा कारण Paytm Payments Bank (PPBL) की सर्विसेज पर RBI की ओर से लगाया गया बैन है। कंपनी की रिस्ट्रक्चरिंग की कोशिशों के हिस्से के तौर पर इस्तीफा देने वाले वर्कर्स को अन्य कंपनियों में प्लेसमेंट के लिए मदद की जा रही है। इसके अलावा वर्कर्स के बकाया बोनस का भी भुगतान किया जाएगा। जनवरी से मार्च के दौरान पेटीएम का लॉस बढ़कर लगभग 550 करोड़ रुपये का था। पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 167 करोड़ रुपये से कुछ अधिक था।
पिछले महीने Paytm की यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ट्रांजैक्शंस में हिस्सेदारी लगातार चौथे महीने घटी है। मई में पेटीएम की कुल UPI ट्रांजैक्शंस में हिस्सेदारी घटकर 8.1 प्रतिशत की रह गई। PPBL पर पेटीएम का कंट्रोल नहीं है। हालांकि, इसमें कंपनी के फाउंडर और चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर, Vijay Shekhar Sharma की हिस्सेदारी है। कंपनी ने बताया है कि वह अपने नॉन-कोर एसेट्स में कटौती करेगी। पिछले फाइनेंशियल ईयर की चौथी तिमाही में Paytm को चलाने वाली One 97 Communications के रेवेन्यू में लिस्टिंग के बाद से पहली बार 2.6 प्रतिशत की गिरावट हुई है। कंपनी का रेवेन्यू लगभग 22.7 अरब डॉलर का था।
मई में UPI ट्रांजैक्शंस ने रिकॉर्ड बनाया है। पिछले महीने 14.04 अरब UPI ट्रांजैक्शंस हुई जिनकी वैल्यू लगभग 20.45 लाख करोड़ डॉलर की थी। यह वॉल्यूम के लिहाज से अप्रैल की तुलना में छह प्रतिशत और वैल्यू में लगभग चार प्रतिशत की बढ़ोतरी है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के डेटा के अनुसार, पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में यह वॉल्यूम के लिहाज से लगभग 49 प्रतिशत और वैल्यू में 39 प्रतिशत की ग्रोथ है। UPI की शुरुआत से डिजिटल पेमेंट्स में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इससे यूजर्स अपने स्मार्टफोन्स से पेमेंट्स को आसानी से ट्रांसफर कर सकते हैं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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