पिछले वर्ष नारायण मूर्ति की एक सप्ताह में 70 घंटे के वर्क की सलाह पर काफी बहस हुई थी। इसका बहुत से लोगों ने विरोध किया था। इसके समर्थन में भी कुछ लोग थे। बहुत से बिजनेस मालिकों ने प्रोडक्टिविटी बढ़ाने की जरूरत पर सहमति जताई थी। अग्रवाल ने कहा, “मूर्ति की युवाओं के लिए इस सलाह का मैं पूरी तरह समर्थन करता हूं।” इंफोसिस के कामकाज से अलग होने के बाद कंपनी से जुड़ने के बारे में, अग्रवाल ने कहा, “मुझे लगता है कि उन्हें कंपनी की स्थिति को देखते हुए वापस आना पड़ा था। उन्होंने वापसी के बाद कंपनी को मजबूत स्थिति में दोबारा पहुंचाने में सफलता पाई थी।” नारायण मूर्ति ने 1981 में अपने छह सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल्स की मदद से इंफोसिस की शुरुआत की थी। इन सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल्स में Nandan M Nilekani भी शामिल थे।
हाल ही में Ola ने अपनी मैपिंग सर्विस बनाई है। इससे पहले यह Google Maps का इस्तेमाल कर रही थी। हाल ही में ओला ने Microsoft का Azure प्लेटफॉर्म छोड़ा था। देश में ओला की टक्कर Uber से होती है। कंपनी ने बताया है कि गूगल मैप्स की सर्विस छोड़ने से उसे वार्षिक लगभग 100 करोड़ रुपये की बचत होगी।
अग्रवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में बताया था, “पिछले महीने Azure को छोड़ने के बाद, हम गूगल मैप्स से पूरी तरह बाहर निकल गए हैं। हम इस पर लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च करते थे। हमारी इन-हाउस ओला मैप्स सर्विस पर शिफ्ट होने से यह खर्च शून्य हो गया है।” कंपनी की इलेक्ट्रिक व्हीकल यूनिट Ola Electric ने अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर्स के लिए सॉलिड-स्टेट बैटरी डिवेलप करने का प्रयास तेज कर दिया है। अग्रवाल ने बताया था कि अगले वर्ष की शुरुआत से कंपनी के इलेक्ट्रिक स्कूटर्स में ओला के अपने सेल्स का इस्तमाल किया जा सकता है। कंपनी तमिलनाडु में इसके लिए फैक्टरी लगा रही है।
लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।
Electric Vehicles, Manufacturing, Ola Electric, Battery, Market, Infosys, Workers, Demand, Software, Motor, Electric Scooters, Bhavish Agarwal, Social Media, Prices