इस प्रोग्राम में उन लोगों को प्रोत्साहित किया जाता है जो नींद को महत्व देते हैं लेकिन उन्हें इसे प्रायरिटी देने में मुश्किल होती है। स्लीप इंटर्न्स को प्रत्येक रात आठ से नौ घंटे तक नींद लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इशके अलावा उन्हें दिन में 20 मिनट की पावर नैप लेने को भी कहा जाता है। इसमें प्रत्येक इंटर्न को एक प्रीमियम मैटरेस और उनकी नींद की निगरानी और उसमें सुधार के लिए स्लीप ट्रैकर उपलब्ध कराया जाता है। The Hindu की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें इंटर्न्स ने अपनी नींद की आदतों में सुधार और ‘स्लीप चैम्पियन’ का टाइटल जीतने के मौके बढ़ाने के लिए स्लीप एक्सपर्ट्स की अगुवाई में वर्कशॉप में हिस्सा लिया था।
Wakefit ने बताया कि इस प्रोग्राम के तीन सीजन में 10 लाख से अधिक आवेदन मिले हैं। इसमें से 51 इंटर्न्स को चुना गया था। इसमें स्टाइपेंड के तौर पर कुल 63 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। इस वर्ष के Wakefit के Great Indian Sleep Scorecard में पाया गया है कि देश के लगभग 50 प्रतिशत लोग थकान महसूस करते हुए जागते हैं। इसके पीछे अधिक वर्क आवर्स, नींद लेने के लिए माहौल खराब होना, तनाव और शारीरिक गतिविधि की कमी प्रमुख कारण हैं। पाटिल ने बताया कि नींद में अनुशासन की जरूरत होती है। उनका कहना था, “एक अच्छा स्कोर बरकरार रखने के लिए आपको अपनी नींद और जागने के समय में निरंतरता रखनी होती है। इसका मतलब है कि देर रात टेलीविजन या सोशल मीडिया देखने से बचना। इन आदतों को छोड़ना मुश्किल होता है लेकिन ये फायदेमंद है।”
उन्होंने बताया कि कोरोना से उनकी दिनचर्या पर बड़ा असर पड़ा था। इसके अलावा एक ऑडिटर के तौर पर वर्क लोड अधिक होने से उनकी नींद अनियमित हो गई थी। पाटिल ने कहा, “इस इंटर्नशिप ने मुझे अनुशासित तरीके से नींद लेना सिखाया है। मेरे स्लीप स्कोर में सुधार करना तनावपूर्ण था। फाइनल के दिन मैंने केवल शांत रहने पर ध्यान दिया था।”
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