भारत सरकार इस साल सितंबर तक लैपटॉप और डिजिटल उपकरणों के लिए आयात प्रबंधन प्रणाली की पुनर्मुल्यांकन कर सकती है। ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, समीक्षा का उद्देश्य भारत के भीतर अपनी विनिर्माण क्षमताओं को शुरू करने या बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माताओं की तत्परता का आंकलन करना है।
आगामी समीक्षा का एक प्रमुख पहलू भारत में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने के लिए कंपनियों द्वारा किए गए प्रयासों का निर्धारण करना है। ईटी ने एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के हवाले से बताया कि, विचार ये भी जांचना है कि क्या इन कंपनियों ने भारत में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने के लिए कोई प्रयास किया है। ये मूल्यांकन भारत के विनिर्माण और आर्थिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए इन कंपनियों की प्रतिबद्धता को समझने में अहम भूमिका निभाएगा।
व्यक्तिगत कंपनियों द्वारा प्रदर्शित प्रगति के आधार पर, सरकार लैपटॉप, टैबलेट और अन्य आईटी हार्डवेयर आयात करने के लिए कुछ मानदंडो़ को आसान बनाने पर विचार कर सकती है। भारत में मुद्रित सर्किट बोर्ड विनिर्माण सतह माउंट प्रौद्घोगिकी लाइनों की स्थापना एक अहम चुनौती के रूप में पहचानी जाती है। इस बाधा पर काबू पाने से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के घरेलू मूल्यवर्धन में काफी वृद्धि हो सकती है।
पिछले साल अगस्त में, सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट और अन्य निर्दिष्ट आईटी हार्डवेयर को प्रतिबंधित आयात श्रेणी में रखा था। जिसके लिए आयातकों को लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक था। ये कदम, जिसका उद्देश्य घरेलू विनिर्माणको प्रोत्साहित करना और आयात को कम करना था। शुरू में ऐप्पल, डेल और लेनोवा जैसे विश्व स्तर दिग्गजों सहित स्थानीय उद्योग के खिलाड़ियों के बीच घबराहट पैदा हुई।