नई दिल्ली. सरकार के स्वामित्व वाले नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) का ‘वन व्हीकल वन फास्टैग’ (One Vehicle, One Fastag) नॉर्म सोमवार (1 अप्रैल) से लागू हो गया है. इसका मकसद कई वाहनों के लिए एक फास्टैग के इस्तेमाल या एक वाहन से कई फास्टैग लिंकिंग करने को हतोत्साहित करना है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि अब एक वाहन पर एक से अधिक फास्टैग नहीं लगाए जा सकेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों के पास एक वाहन के लिए कई फास्टैग हैं, वे 1 अप्रैल से उनका उपयोग नहीं कर पाएंगे.’’
31 मार्च तक बढ़ाई गई थी डेडलाइन
एनएचएआई ने पेटीएम फास्टैग का इस्तेमाल करने वाले वाहन मालिकों की समस्याओं को देखते हुए ‘एक वाहन, एक फास्टैग’ इनिशिएटिव के कंप्लायंस की डेडलाइन 31 मार्च तक बढ़ा दी थी.
क्यों लागू हुआ वन व्हीकल वन फास्टैग?
इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम की दक्षता बढ़ाने और टोल प्लाजा पर सुगम आवाजाही के लिए एनएचएआई ने ‘एक वाहन, एक फास्टैग’ इनिशिएटिव शुरू की है. इसके जरिए एनएचएआई कई वाहनों के लिए एक ही फास्टैग के इस्तेमाल पर लगाम लगाने के साथ कई फास्टैग को किसी खास वाहन से लिंकिंग करने पर रोक लगाना चाहता है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) के कस्टमर्स और मर्चेंट्स को 15 मार्च तक अपने अकाउंट्स दूसरे बैंकों में शिफ्ट करने की सलाह दी थी.
देश में 8 करोड़ फास्टैग यूजर्स
फास्टैग भारत में टोल कलेक्शन की इलेक्ट्रॉनिक व्यवस्था है और इसका संचालन एनएचएआई करता है. फास्टैग की पहुंच लगभग 98 फीसदी वाहनों तक है और इसके 8 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं. फास्टैग में सीधे टोल मालिक से जुड़े प्रीपेड या सेविंग्स अकाउंट से टोल पेमेंट्स करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है.
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FIRST PUBLISHED : April 1, 2024, 23:29 IST