इस बारे में जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने Reuters को बताया कि टाटा ग्रुप इस ज्वाइंट वेंचर को अपनी यूनिट Tata Electronics के जरिए ऑपरेट करेगा। इस प्लांट में लगभग 10,000 वर्कर्स हैं और यह लगभग 50 लाख आईफोन्स की वार्षिक मैन्युफैक्चरिंग करता है। ताइवान की Pegatron ने पिछले वर्ष चीन में अपना आईफोन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट Luxshare को लगभग 29 करोड़ डॉलर में बेचा था। इस बारे में टाटा ग्रुप और Pegatron ने टिप्पणी के लिए भेजी गई ईमेल का उत्तर नहीं दिया। अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ने के कारण एपल नेअपनी सप्लाई चेन को चीन से बाहर डायवर्सिफाइ करने की योजना बनाई है।
टाटा ग्रुप के पास कर्नाटक में पहले ही एक आईफोन असेंबली प्लांट मौजूद है। पिछले वर्ष इस प्लांट को ताइवान की Wistron से खरीदा गया था। इसके अलावा टाटा ग्रुप तमिलनाडु के होसुर में एक अन्य प्लांट बना रहा है। इसमें Pegatron इसकी ज्वाइंट वेंचर पार्टनर हो सकती है। एपल ने भारत में प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम में हिस्सा लेने के बाद 1.5 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया है। इनमें से अधिकतर लोगों की आयु 19 से 24 वर्ष के बीच है। पिछले कुछ वर्षों में कंपनी की देश में बिक्री और मैन्युफैक्चरिंग तेजी से बढ़ी है।
हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट में सरकारी अधिकारियों और एक्सपर्ट्स के हवाले से बताया गया था कि PLI स्कीम से मिलने वाले बेनेफिट्स लेने वाली कंपनियों के जरिए लगभग तीन लाख अन्य लोगों को अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिला है। इस रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है, “पिछले 32 महीनों में एपल के इकोसिस्टम में चार लाख से अधिक जॉब्स (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष) मिलने की संभावना है।” अमेरिका और चीन जैसे बड़े मार्केट्स में चुनौतियां बढ़ने के बावजूद एपल ने दुनिया के दूसरे सबसे बड़े स्मार्टफोन मार्केट भारत पर अपना फोकस बढ़ाया है। कंपनी ने 2017 में देश में आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग शुरू की थी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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