रिपोर्ट के अनुसार, ऐपल आवास योजना में केंद्र सरकार भी मदद करेगी। वह 10-15 पर्सेंट पैसा देगी। बाकी की रकम राज्य सरकारों और कारोबारियों से लेने की तैयारी है। अगले साल मार्च तक यह प्रोजेक्ट पूरा होने की उम्मीद है। बनाए जा रहे घरों की जिम्मेदारी तमिलनाडु के स्टेट इंडस्ट्रीज प्रमोशन कार्पोरेशन के हाथ में है। टाटा ग्रुप और एसपीआर इंडिया भी आवासों को तैयार कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कामकाज वाली जगह के पास घर मिलने से कर्मचारियों की दक्षता बढ़ेगी। मामले की जानकारी रखने वालों के हवाले से रिपोर्ट में लिखा गया है कि इतना बड़ा हाउसिंग प्रोजेक्ट महिला कर्मचारियों के लिए पहली बार है। गौरतलब है कि ऐपल की मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज में बड़ी संख्या में महिलाएं काम करती हैं। उनमें से ज्यादातर किराए पर रहती हैं और फैक्टरी तक पहुंचने के लिए उन्हें लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।
रिपोर्ट के अनुसार, बसों में कई घंटे की यात्रा के दौरान महिला कर्मचारियों को सेफ्टी की समस्या भी आती है। बताया गया है कि इस प्रोजेक्ट के तहत फॉक्सकॉन के कर्मचारियों को 35 हजार आवासों की सुविधा मिलेगी। मौजूदा वक्त में फॉक्सकॉन में 41 हजार वर्कर हैं। इनमें 75 फीसदी संख्या महिलाओं की है। इसके अलावा, टाटा अपनी फैक्टरी कर्मचारियों के लिए साढ़े 11 हजार यूनिट तैयार कर रही है, जहां उन्हें रहने की जगह दी जाएगी।
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