टू-व्हीलर हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने सरकार को दिए सुझाव. घटिया क्वालिटी के हेलमेट बनाने और बेचने वालो पर कडी कार्रवाइ की मांग. पुलिस को घटिया हेलमेट्स की पहचान और जब्ती के लिए सशक्त बनाना चाहिए.
नई दिल्ली. दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना कानूनन अनिवार्य भी है और सुरक्षा के लिहाज से जरूरी भी. बहुत से लोग हेलमेट पहनना झंझट मानते हैं और केवल चालान से बचने के लिए हेलमेट खरीदते हैं. वो न हेलमेट की क्वालिटी देखते हैं और न ही यह सोचते हैं कि घटिया हेलमेट उनके लिए जानलेवा भी हो सकता है. एक मोटे अनुमान के मुताबिक देश में बिक रहे हेलमेट में से 25 फीसदी से ज्यादा हेलमेट तय मानको पर खरा नहीं उतरते. इसी को देखते हुए अब टू-व्हीलर हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (THMA) ने सरकार को नकली और घटिया हेलमेट्स की बिक्री पर रोक लगाने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं.
टू-व्हीलर हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव कपूर का कहना है कि दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है. बाजार में नकली और घटिया हेलमेट्स की मौजूदगी न केवल सार्वजनिक सुरक्षा को कमजोर करती है बल्कि गुणवत्ता उत्पादों में उपभोक्ता के विश्वास को भी कम करती है. कपूर ने सरकार से कड़े नियमों के साथ एक व्यापक रणनीति बनाने और सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान चलाने का आग्रह किया है.
सरकार करें यह काम
एसोसिएशन ने सरकार से “द हेलमेट फॉर राइडर्स ऑफ टू व्हीलर मोटर व्हीकल्स (क्वालिटी कंट्रोल) ऑर्डर, 2020” की कड़ाई से पालना करवाने की मांग की है. ये नियम सभी हेलमेट्स पर BIS मार्क अनिवार्य करता है. इसका उल्लंघन करने वालों पर BIS अधिनियम, 2016 के तहत कार्रवाई करनी चाहिए. पुलिस को घटिया हेलमेट्स की पहचान और जब्ती के लिए सशक्त बनाना चाहिए. खुदरा दुकानों और विनिर्माण इकाइयों की समय-समय पर जांच होनी चाहिए. जो भी घटिया हेलमेट बनाए या बेचे, उस पर भारी दंड लगाना चाहिए. एसोसिएशन ने सड़क किनारे हेलमेट्स की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की भी सिफारिश की है.
ऐसे करें असली-नकली की पहचान
आपको हमेशा आईएसआई मार्का हेलमेट ही खरीदना चाहिए. हेलमेट आपको ऐसी दुकान से ही खरीदना चाहिए, जो हेलमेट ही बेचती हो. उसके पास कई कंपनियों के प्रोडक्ट हों. ऐसी दुकान पर नकली हेलमेट मिलने के चांस कम होते हैं. कभी भी सस्ते के चक्कर में न पड़ें. आपको सड़क किनारे कई लोग हेलमेट बेचते दिख जाएंगे. ये बहुत कम दाम पर हेलमेट बेचते हैं. ये लोग 1000 रूपये के हेलमेट 500 रुपये से 700 रुपये में आपको दे देंगे. याद रखें कोई भी असली हेलमेट 500 रुपये में नहीं आता है.
हेलमेट को अच्छे से देखें. घटिया क्वालिटी का हेलमेट में लगा मैटिरियल जैसे कुशन, फीता या शीशा हलकी क्वालिटी का होगा. इसके अलावा वह सिर में सही से फिट भी नहीं होगा. वह आरामदायक भी नहीं होगा. हां, अगर कोई हेलमेट आपको वजन में हल्का लगे तो उसे घटिया न मानें. क्योंकि आजकल कंपनियां उच्च क्वालिटी के वजन में हल्के हेलमेट भी बनाने लगी है.
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FIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 17:14 IST